Daulat aaj fir se sasti ho gyi

 दौलत आज फिर से सस्ती हो गयी 

देखा जनाब आज,
वक़्त का पहिया घूम गया,
शहर , गलियां,मोहल्ले सुनसान हो गए,
इंसान घर में कैद हो गए,
पशु -पक्षी आजाद हो गए,
पैसो से ज्यादा इंसान की ज़िंदगी महंगी हो गयी 
और दौलत आज फिर से सस्ती हो गयी 

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