Kuchh riste sirf ehsas hai

कुछ रिश्ते सिर्फ एहसास हैं

छिपे छिपे से रहते हैं 
सरेयाम नहीं होते 
कुछ रिश्ते सिर्फ एहसास हैं
उनके कोई नाम नहीं होते 
--------Riste Shayari---

Chhipe chhipe se rahte hain 
sareyam nahi hote
kuchh riste sirf ehsas hain
unke koi nam nahi honte


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