Tum ab kho chuki ho kahi

 तुम अब खो चुकी हो कही 

तुम्हारे होने से इक शमा मोहब्बत का 
मुझमे था कही ,
अब ख़ामोशी का दीपक जलता हैं मुझमे 
जो तुम अब खो चुकी हो कही 
अपने आशियाने का ख्वाब देखा था जंहा 
हम दोनों ने मिलके 
चले आना 
तुम्हारे आने का इंतेजार
हर रोज करता हु वही

Intejar shayari in Hindi



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