Saccha Dosti
सच्चा दोस्ती
बेमतलब की बातें ही दोस्ती की एहसास कराती हैं,
मतलब की बातें तो अक्सर
गैरों को करते देखा है ,
इन उटपटांग से नामों में ही प्यार छुपी होती है ,
इज़्ज़त की चापलूसी तो अक्सर
फरेबियों को करते देखा,
जहाँ रिश्ता दिलों का होता है
वहां लफ्ज़ कड़वे ही हुवा करते हैं ,
मीठे-मीठे शब्दों में अक्सर
साजिसों को पालते देखा है ,
जो इश्क़ सिद्धत की होती है
वो बेबाक हुआ करते हैं ,
ख़ामोशी के पर्दों में अक्सर
रिश्तों को जलते देखा है,
ये बेमतलब की बातें ही अक्सर दोस्ती की एहसास करते हैं ,
मतलब की बातें तो अक्सर
गैरों को करते देखा है ,,,,,,,
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