Dosti kiya hu

कभी तेरा साथ नहीं छोरूँगा

तुझसे दोस्ती किया हूँ
तो तेरा हाथ नहीं छोरूँगा मैं,
फिर तुझसे रुस्वा भी हुआ तो क्या 
कभी तेरा साथ नहीं छोरूँगा मैं 
अपनी दोस्ती उन टहनियों की तरह नहीं 
जो हलकी आँधियो में भी टूट जाया करती हैं 
आँधिया तो क्या , तुफानो में भी 
कभी तेरा साथ नही छोरूँगा मैं 
-------Dosti Shayari-----

Tujhse dosti kiya hu
to tera hath nahee chhorunga mai,
fir tujhse ruswa bhi hua to kya
kabhi tera sath nahi chhorunga mai
apni dosti un tahaniyo ki tarah nahi
jo halki aandhiyo me bhi tut jaya karti hai
aandhiya to kya , tufano me bhi
kabhi tera sath nahi chhorunga mai



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