Ka kasur tha hamra

का कसूर था हमरा ऐ सजनी 

------Sad Shayari----

का कसूर था हमरा ऐ सजनी 
जो हो गयी हमसे तुम दूर इतना ,

जो करती थी मोहब्बत के बातें दिन-रात 
अब हो गयी हो  तुम मजबूर इतना ,

अंगारो सा ये तुम्हरी आंसू नयन के 
जो हो गयी सबकी तुम नूर इतना ,

बेईमान आशिक़ हमको साबित करके 
हो गयी खुद ही तुम मशहूर इतना 

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