Khud ka pahchan banata ja

Khud ka pahchan banata ja

जो रास्ते मंजिल से अच्छे होते हैं 
उन्हें कभी कोई अंजाम नहीं दिया जाता 
जो रिस्ते गुमनाम ही सच्चे होते हैं 
उन्हें कभी कोई नाम नहीं दिया जाता 

लेकर सबब कुछ कड़वे एहसासो का 
तू सफर में खुद का पहचान बनता जा 
जो होते हैं हक़दार उगते सूरज का 
उन्हें कभी कोई शाम नहीं दिया जाता 

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