Ek Dard Ek Wo
Ek Dard Ek Wo
मेरे जनाजे में एक कन्धा
मेरे यार का भी रखना
उसे ही तो मालूम हैं
मै किस गली में जा कर
मुस्करा के गुजरता हूँ
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अंदर से टूट चुके हैं
अगर ज्यादा हसने वाले
और ज्यादा बोलने वाले चुप हो जाये न
तो समझ जाना वो अंदर से टूट चुके हैं
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मरहम लगाने वाले नहीं रहे
शिकायत करे भी तो किससे
वो सुनने वाले ना रहे
घाव दिखाए भी तो किसको
वो मरहम लगाने वाले
नहीं रहे
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एक दर्द
दिल एक हैं
रहने वाले दो
एक दर्द
एक वो
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लूट लो नजारा मेरे बर्बादी का
मेरे गहराई का
कभी अंदाज मत लगाना
कुछ नहीं पता मै बून्द से
कब तालाब हो जाऊ
आज लूट लो नजारा मेरे बर्बादी का
कल क्या पता कामयाब हो जाऊ
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