Ishq aaj bhi hai

 Ishq Aaj Bhi hai

किसी ने पूछा कभी इश्क़ हुआ था 
हम मुस्कुरा के बोले " आज भी है "

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उस शख्स की कमी पूरी नहीं होती 

लोग कहते है किसी के 

चले जाने से ज़िंदगी अधूरी 

नहीं होती,मगर यह भी सच हैं 

की लाखो के मिल जाने से भी 

उस शख्स की कमी पूरी नहीं होती 

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मुस्कुरा  के बिखर गया 

दर्द सबके एक हैं मगर हौसले 

सबके अलग अलग हैं 

कोई बिखर के मुस्कुराया तो 

कोई मुस्कुरा के बिखर गया 

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काश नासमझी में हिन् बीत 

जाए ये ज़िंदगी , समझदारी 

ने जीना मुश्किल कर रखा हैं 

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गजब की एकता दिखते हैं लोग आजकल 

ज़िंदा इंसान को गिराने में और मर जाने पर 

उसे उठाने में 

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अपने रब के फैसले पर भला 
शक कैसे करू,सजा दे रहा हैं 
अगर वो , कुछ तो गुनाह रहा होगा 
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जिनमे अकेले चलने के 
हौसले होते हैं 
उनके पीछे एक दिन काफिले होते हैं 

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