Fir usi rah pe aai ho

Fir usi rah pe aai ho

Life ki kahani

एक तूफ़ां सी हलचल है मेरे धडकनो में,
सुना है, तुम मेरे शहर में आयी हों ?
जो इश्क़ की नियायते तुमने मुझसे सीखी थी ,
सुना हैं, तुम इसे सभी पर आजमाई हों,
जब मंजिल ना दिखी 
तो तुमने राहो से ही नाता तोड़ लिया ,
सुना हैं , अब मंजिल तलाशने 
फिर उसी राह पर आयी हों 

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