Aurat Ki Izzat
औरत की इज़्ज़त
अरमान मेरी ज़िंदगी में भी हैं
मुझे अकेले घूमने से
मत रोको
खुली हवा का एहसास
लेने से भी मत रोको
मेरी भी कुछ ख्वाइशे हैं
तुम्हारी तरह
बे वजह अपनी हवस को
मुझ पर मत थोपो
अरमान मेरी ज़िंदगी में भी हैं
तुम्हारी तरह
कुछ बनने के
कुछ कर दिखने के
बंद हूँ घर के दरवाजे में
तुम्हारी गन्दी सोच के कारण
मुझे भी खुलकर इजहार
करने से मत रोको
किरण बेदी , सुषमा स्वराज
बन सकती हूँ मैं
सम्हाल सकती हूँ
तुमको और अपने देश को
यकीं नहीं होता
तो एक बार
आजमा कर तो देखो
मैं हूँ भारत की नारी
हूँ काबिल
पर अब बन रही बेचारी
आप से ही उम्मीद हैं मुझको
करो औरत की इज़्ज़त
कर दो ये फरमान जारी
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