Mai bojh nahi hun n papa
मैं बोझ नहीं हूँ न पापा
एक बार मुस्कराओ न पापा
शाम हो गई अभी तो घूमने चलो न पापा
चलते चलते थक गयी कंधे पे बिठा लो न पापा
अँधेरे से दर लगता हैं सीने से लगा लो न पापा
मम्मा तो सो गयी
आप ही थपकी दे कर सुलाओ न पापा
स्कूल तो पूरी हो गयी
अब कॉलेज जाने दो न पापा
पाल पोस के बड़ा किया
अब जुदा तो मत करो न पापा
अब डोली में बिठा ही दिया तो
आंसू तो मत बहाओ न पापा
आप की मुस्कराहट अच्छी हैं
एक बार मुस्कराओ न पापा
आप ने मेरी हर बात मानी
एक बात और मान जाओ न पापा
इस धरती पे बोझ नहीं हूँ मैं
दुनिया को समझाओ न पापा
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